महाभारतम् — 15.3.8
Original
Segmented
सदा च प्रातः उत्थाय कृत-जप्यः शुचिः नृपः आशास्ते पाण्डु-पुत्राणाम् समरेषु अ पराजयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सदा | सदा | pos=i |
च | च | pos=i |
प्रातः | प्रातर् | pos=i |
उत्थाय | उत्था | pos=vi |
कृत | कृ | pos=va,comp=y,f=part |
जप्यः | जप्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शुचिः | शुचि | pos=a,g=m,c=1,n=s |
नृपः | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
आशास्ते | आशास् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
पुत्राणाम् | पुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=p |
समरेषु | समर | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अ | अ | pos=i |
पराजयम् | पराजय | pos=n,g=m,c=2,n=s |