महाभारतम् — 15.24.8
Original
Segmented
गान्धारि परितुष्टो ऽस्मि वध्वाः शुश्रूषणेन वै तस्मात् त्वम् एनाम् धर्म-ज्ञे समनुज्ञातुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गान्धारि | गान्धारी | pos=n,g=f,c=8,n=s |
परितुष्टो | परितुष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
वध्वाः | वधू | pos=n,g=f,c=6,n=s |
शुश्रूषणेन | शुश्रूषण | pos=n,g=n,c=3,n=s |
वै | वै | pos=i |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एनाम् | एनद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
ज्ञे | ज्ञ | pos=a,g=f,c=8,n=s |
समनुज्ञातुम् | समनुज्ञा | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |