महाभारतम् — 15.17.19
Original
Segmented
कुतस् त्वम् अद्य विस्मृत्य वैरम् द्वादश-वार्षिकम् अज्ञात-वास-गमनम् द्रौपदी-शोक-वर्धनम् क्व तदा धृतराष्ट्रस्य स्नेहो अस्मासु अभवत् तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कुतस् | कुतस् | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
अद्य | अद्य | pos=i |
विस्मृत्य | विस्मृ | pos=vi |
वैरम् | वैर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
द्वादश | द्वादशन् | pos=n,comp=y |
वार्षिकम् | वार्षिक | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अज्ञात | अज्ञात | pos=a,comp=y |
वास | वास | pos=n,comp=y |
गमनम् | गमन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
द्रौपदी | द्रौपदी | pos=n,comp=y |
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
वर्धनम् | वर्धन | pos=a,g=n,c=2,n=s |
क्व | क्व | pos=i |
तदा | तदा | pos=i |
धृतराष्ट्रस्य | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
स्नेहो | स्नेह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अस्मासु | मद् | pos=n,g=,c=7,n=p |
अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |