Original

स राजन्मानसं दुःखमपनीय युधिष्ठिरात् ।कुरु कार्याणि धर्म्याणि नमस्ते भरतर्षभ ॥ २३ ॥

Segmented

स राजन् मानसम् दुःखम् अपनीय युधिष्ठिरात् कुरु कार्याणि धर्म्याणि नमः ते भरत-ऋषभ

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
मानसम् मानस pos=a,g=n,c=2,n=s
दुःखम् दुःख pos=n,g=n,c=2,n=s
अपनीय अपनी pos=vi
युधिष्ठिरात् युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=5,n=s
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
कार्याणि कार्य pos=n,g=n,c=2,n=p
धर्म्याणि धर्म्य pos=a,g=n,c=2,n=p
नमः नमस् pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s