महाभारतम् — 14.92.3
Original
Segmented
तर्पितेषु द्विजाग्र्येषु ज्ञाति-सम्बन्धि-बन्धुषु दीन-अन्ध-कृपणे च अपि तदा भरत-सत्तम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
तर्पितेषु | तर्पय् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
द्विजाग्र्येषु | द्विजाग्र्य | pos=n,g=m,c=7,n=p |
ज्ञाति | ज्ञाति | pos=n,comp=y |
सम्बन्धि | सम्बन्धिन् | pos=a,comp=y |
बन्धुषु | बन्धु | pos=n,g=m,c=7,n=p |
दीन | दीन | pos=a,comp=y |
अन्ध | अन्ध | pos=a,comp=y |
कृपणे | कृपण | pos=a,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
तदा | तदा | pos=i |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
सत्तम | सत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |