महाभारतम् — 14.92.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच पितामहस्य मे यज्ञे धर्मपुत्रस्य धीमतः यद् आश्चर्यम् अभूत् किंचित् तद् भवान् वक्तुम् अर्हति
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पितामहस्य | पितामह | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
यज्ञे | यज्ञ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
धर्मपुत्रस्य | धर्मपुत्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धीमतः | धीमत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आश्चर्यम् | आश्चर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अभूत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
किंचित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
वक्तुम् | वच् | pos=vi |
अर्हति | अर्ह् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |