Original

सव्यसाची तु संक्रुद्धो विकृष्य बलवद्धनुः ।हयांश्चकार निर्देहान्सारथेश्च शिरोऽहरत् ॥ १७ ॥

Segmented

सव्यसाची तु संक्रुद्धो विकृष्य बलवद् धनुः हयान् चकार निर्देहान् सारथेः च शिरो ऽहरत्

Analysis

Word Lemma Parse
सव्यसाची सव्यसाचिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
संक्रुद्धो संक्रुध् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
विकृष्य विकृष् pos=vi
बलवद् बलवत् pos=a,g=n,c=2,n=s
धनुः धनुस् pos=n,g=n,c=2,n=s
हयान् हय pos=n,g=m,c=2,n=p
चकार कृ pos=v,p=3,n=s,l=lit
निर्देहान् निर्देह pos=a,g=m,c=2,n=p
सारथेः सारथि pos=n,g=m,c=6,n=s
pos=i
शिरो शिरस् pos=n,g=n,c=2,n=s
ऽहरत् हृ pos=v,p=3,n=s,l=lan