Original

त्वत्प्रीत्यर्थं हि कौरव्य कृतमेतन्मयानघ ।यत्तच्छृणु महाबाहो निखिलेन धनंजय ॥ ७ ॥

Segmented

त्वद्-प्रीति-अर्थम् हि कौरव्य कृतम् एतत् मया अनघ यत् तत् शृणु महा-बाहो निखिलेन धनंजय

Analysis

Word Lemma Parse
त्वद् त्वद् pos=n,comp=y
प्रीति प्रीति pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
हि हि pos=i
कौरव्य कौरव्य pos=n,g=m,c=8,n=s
कृतम् कृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
अनघ अनघ pos=a,g=m,c=8,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
शृणु श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lot
महा महत् pos=a,comp=y
बाहो बाहु pos=n,g=m,c=8,n=s
निखिलेन निखिलेन pos=i
धनंजय धनंजय pos=n,g=m,c=8,n=s