महाभारतम् — 14.82.7
Original
Segmented
त्वद्-प्रीति-अर्थम् हि कौरव्य कृतम् एतत् मया अनघ यत् तत् शृणु महा-बाहो निखिलेन धनंजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्वद् | त्वद् | pos=n,comp=y |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
कौरव्य | कौरव्य | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
अनघ | अनघ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
बाहो | बाहु | pos=n,g=m,c=8,n=s |
निखिलेन | निखिलेन | pos=i |
धनंजय | धनंजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |