महाभारतम् — 14.80.5
Original
Segmented
अहो ऽस्या हृदयम् देव्या दृढम् यत् न विदीर्यते व्यूढ-उरस्कम् महा-बाहुम् प्रेक्षन्त्या निहतम् पतिम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अहो | अहो | pos=i |
ऽस्या | इदम् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
हृदयम् | हृदय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
देव्या | देवी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
दृढम् | दृढ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
विदीर्यते | विदृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
व्यूढ | व्यूह् | pos=va,comp=y,f=part |
उरस्कम् | उरस्क | pos=n,g=m,c=2,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
बाहुम् | बाहु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रेक्षन्त्या | प्रेक्ष् | pos=va,g=f,c=6,n=s,f=part |
निहतम् | निहन् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
पतिम् | पति | pos=n,g=m,c=2,n=s |