Original

रत्नं च यन्मरुत्तेन निहितं पृथिवीतले ।तदवाप कथं चेति तन्मे ब्रूहि द्विजोत्तम ॥ २ ॥

Segmented

रत्नम् च यत् मरुत्तेन निहितम् पृथिवी-तले तद् अवाप कथम् च इति तत् मे ब्रूहि द्विजोत्तम

Analysis

Word Lemma Parse
रत्नम् रत्न pos=n,g=n,c=1,n=s
pos=i
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
मरुत्तेन मरुत्त pos=n,g=m,c=3,n=s
निहितम् निधा pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
पृथिवी पृथिवी pos=n,comp=y
तले तल pos=n,g=n,c=7,n=s
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
अवाप अवाप् pos=v,p=3,n=s,l=lit
कथम् कथम् pos=i
pos=i
इति इति pos=i
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
द्विजोत्तम द्विजोत्तम pos=n,g=m,c=8,n=s