महाभारतम् — 14.6.22
Original
Segmented
नारद उवाच उन्मत्त-वेषम् बिभ्रत् स चङ्क्रमीति यथासुखम् वाराणसीम् तु नगरीम् अभीक्ष्णम् उपसेवते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
उन्मत्त | उन्मद् | pos=va,comp=y,f=part |
वेषम् | वेष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
बिभ्रत् | भृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चङ्क्रमीति | चङ्क्रम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यथासुखम् | यथासुखम् | pos=i |
वाराणसीम् | वाराणसी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
नगरीम् | नगरी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अभीक्ष्णम् | अभीक्ष्णम् | pos=i |
उपसेवते | उपसेव् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |