महाभारतम् — 14.58.17
Original
Segmented
उपयातम् तु वार्ष्णेयम् भोज-वृष्णि-अन्धकाः तदा अभ्यगच्छत् महात्मानम् देवा इव शतक्रतुम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उपयातम् | उपया | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तु | तु | pos=i |
वार्ष्णेयम् | वार्ष्णेय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
भोज | भोज | pos=n,comp=y |
वृष्णि | वृष्णि | pos=n,comp=y |
अन्धकाः | अन्धक | pos=n,g=m,c=1,n=p |
तदा | तदा | pos=i |
अभ्यगच्छत् | अभिगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
महात्मानम् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
देवा | देव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
इव | इव | pos=i |
शतक्रतुम् | शतक्रतु | pos=n,g=m,c=2,n=s |