Original

सततं पूजितो विप्र शुचिना भृगुनन्दन ।तस्माच्छ्रेयो विधास्यामि तवैवं कुरु मा चिरम् ॥ ४३ ॥

Segmented

सततम् पूजितो विप्र शुचिना भृगु-नन्दन तस्मात् श्रेयः विधास्यामि ते एवम् कुरु माचिरम्

Analysis

Word Lemma Parse
सततम् सततम् pos=i
पूजितो पूजय् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
विप्र विप्र pos=n,g=m,c=8,n=s
शुचिना शुचि pos=a,g=m,c=3,n=s
भृगु भृगु pos=n,comp=y
नन्दन नन्दन pos=n,g=m,c=8,n=s
तस्मात् तस्मात् pos=i
श्रेयः श्रेयस् pos=n,g=n,c=2,n=s
विधास्यामि विधा pos=v,p=1,n=s,l=lrt
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
एवम् एवम् pos=i
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
माचिरम् माचिरम् pos=i