Original

ह्रियमाणे तु दृष्ट्वा स कुण्डले भुजगेन ह ।पपात वृक्षात्सोद्वेगो दुःखात्परमकोपनः ॥ २३ ॥

Segmented

ह्रियमाणे तु दृष्ट्वा स कुण्डले भुजगेन ह पपात वृक्षात् स उद्वेगः दुःखात् परम-कोपनः

Analysis

Word Lemma Parse
ह्रियमाणे हृ pos=va,g=n,c=2,n=d,f=part
तु तु pos=i
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
कुण्डले कुण्डल pos=n,g=n,c=2,n=d
भुजगेन भुजग pos=n,g=m,c=3,n=s
pos=i
पपात पत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
वृक्षात् वृक्ष pos=n,g=m,c=5,n=s
pos=i
उद्वेगः उद्वेग pos=n,g=m,c=1,n=s
दुःखात् दुःख pos=n,g=n,c=5,n=s
परम परम pos=a,comp=y
कोपनः कोपन pos=a,g=m,c=1,n=s