महाभारतम् — 14.57.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच स मित्रसहम् आसाद्य तु अभिज्ञानम् अयाचत तस्मै ददौ अभिज्ञानम् स च इक्ष्वाकु-वरः तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मित्रसहम् | मित्रसह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
अभिज्ञानम् | अभिज्ञान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अयाचत | याच् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
ददौ | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अभिज्ञानम् | अभिज्ञान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
इक्ष्वाकु | इक्ष्वाकु | pos=n,comp=y |
वरः | वर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तदा | तदा | pos=i |