महाभारतम् — 14.55.26
Original
Segmented
यद् दुर्लभम् हि लोके ऽस्मिन् रत्नम् अति अद्भुतम् भवेत् तद् आनयेयम् तपसा न हि मे अत्र अस्ति संशयः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दुर्लभम् | दुर्लभ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
रत्नम् | रत्न | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अति | अति | pos=i |
अद्भुतम् | अद्भुत | pos=a,g=n,c=1,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
आनयेयम् | आनी | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
तपसा | तपस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अत्र | अत्र | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
संशयः | संशय | pos=n,g=m,c=1,n=s |