महाभारतम् — 14.55.20
Original
Segmented
उत्तङ्क उवाच गुरु-अर्थम् कम् प्रयच्छामि ब्रूहि त्वम् द्विजसत्तम तम् उपाकृत्य गच्छेयम् अनुज्ञातः त्वया विभो
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उत्तङ्क | उत्तङ्क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कम् | क | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रयच्छामि | प्रयम् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
द्विजसत्तम | द्विजसत्तम | pos=n,g=m,c=8,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
उपाकृत्य | उपाकृ | pos=vi |
गच्छेयम् | गम् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
अनुज्ञातः | अनुज्ञा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
विभो | विभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |