महाभारतम् — 14.52.15
Original
Segmented
वासुदेव उवाच कृतो यत्नो मया ब्रह्मन् सौभ्रात्रे कौरवान् प्रति न च अशक्यन्त संधातुम् ते अधर्म-रुचयः मया
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वासुदेव | वासुदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कृतो | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
यत्नो | यत्न | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
सौभ्रात्रे | सौभ्रात्र | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कौरवान् | कौरव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रति | प्रति | pos=i |
न | न | pos=i |
च | च | pos=i |
अशक्यन्त | शक् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
संधातुम् | संधा | pos=vi |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
अधर्म | अधर्म | pos=n,comp=y |
रुचयः | रुचि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |