महाभारतम् — 14.52.12
Original
Segmented
कच्चित् पाण्डु-सुताः पञ्च धृतराष्ट्रस्य च आत्मजाः लोकेषु विहरिष्यन्ति त्वया सह परंतप
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कच्चित् | कच्चित् | pos=i |
पाण्डु | पाण्डु | pos=n,comp=y |
सुताः | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पञ्च | पञ्चन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
धृतराष्ट्रस्य | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
आत्मजाः | आत्मज | pos=n,g=m,c=1,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विहरिष्यन्ति | विहृ | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
सह | सह | pos=i |
परंतप | परंतप | pos=a,g=m,c=8,n=s |