Original

रुचितं हि ममैतत्ते द्वारकागमनं प्रभो ।अचिराच्चैव दृष्टा त्वं मातुलं मधुसूदन ।बलदेवं च दुर्धर्षं तथान्यान्वृष्णिपुंगवान् ॥ २३ ॥

Segmented

रुचितम् हि मे एतत् ते द्वारका-आगमनम् प्रभो अचिरात् च एव दृष्टा त्वम् मातुलम् मधुसूदन बलदेवम् च दुर्धर्षम् तथा अन्यान् वृष्णि-पुंगवान्

Analysis

Word Lemma Parse
रुचितम् रुच् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
एतत् एतद् pos=n,g=n,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
द्वारका द्वारका pos=n,comp=y
आगमनम् आगमन pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रभो प्रभु pos=a,g=m,c=8,n=s
अचिरात् अचिरात् pos=i
pos=i
एव एव pos=i
दृष्टा दृश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
मातुलम् मातुल pos=n,g=m,c=2,n=s
मधुसूदन मधुसूदन pos=n,g=m,c=8,n=s
बलदेवम् बलदेव pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
दुर्धर्षम् दुर्धर्ष pos=a,g=m,c=2,n=s
तथा तथा pos=i
अन्यान् अन्य pos=n,g=m,c=2,n=p
वृष्णि वृष्णि pos=n,comp=y
पुंगवान् पुंगव pos=n,g=m,c=2,n=p