Original

समाश्वसिहि देवेश नाहं मर्त्याय कर्हिचित् ।ग्रहीष्यामि स्रुवं यज्ञे शृणु चेदं वचो मम ॥ २४ ॥

Segmented

समाश्वसिहि देवेश न अहम् मर्त्याय कर्हिचित् ग्रहीष्यामि स्रुवम् यज्ञे शृणु च इदम् वचो मम

Analysis

Word Lemma Parse
समाश्वसिहि समाश्वस् pos=v,p=2,n=s,l=lot
देवेश देवेश pos=n,g=m,c=8,n=s
pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
मर्त्याय मर्त्य pos=n,g=m,c=4,n=s
कर्हिचित् कर्हिचित् pos=i
ग्रहीष्यामि ग्रह् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
स्रुवम् स्रू pos=n,g=f,c=2,n=s
यज्ञे यज्ञ pos=n,g=m,c=7,n=s
शृणु श्रु pos=v,p=2,n=s,l=lot
pos=i
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=2,n=s
वचो वचस् pos=n,g=n,c=2,n=s
मम मद् pos=n,g=,c=6,n=s