Original

ऋषय ऊचुः ।किं स्विदेवेह धर्माणामनुष्ठेयतमं स्मृतम् ।व्याहतामिव पश्यामो धर्मस्य विविधां गतिम् ॥ १४ ॥

Segmented

ऋषय ऊचुः किम् स्विद् एव इह धर्माणाम् अनुष्ठेयतमम् स्मृतम् व्याहताम् इव पश्यामो धर्मस्य विविधाम् गतिम्

Analysis

Word Lemma Parse
ऋषय ऋषि pos=n,g=m,c=1,n=p
ऊचुः वच् pos=v,p=3,n=p,l=lit
किम् pos=n,g=n,c=1,n=s
स्विद् स्विद् pos=i
एव एव pos=i
इह इह pos=i
धर्माणाम् धर्म pos=n,g=m,c=6,n=p
अनुष्ठेयतमम् अनुष्ठेयतम pos=a,g=n,c=1,n=s
स्मृतम् स्मृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
व्याहताम् व्याहन् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
पश्यामो दृश् pos=v,p=1,n=p,l=lat
धर्मस्य धर्म pos=n,g=m,c=6,n=s
विविधाम् विविध pos=a,g=f,c=2,n=s
गतिम् गति pos=n,g=f,c=2,n=s