महाभारतम् — 14.46.31
Original
Segmented
न संनिकाशयेद् धर्मम् विविक्ते विरजस् चरेत् शून्य-आगारम् अरण्यम् वा वृक्ष-मूलम् नदीम् तथा प्रतिश्रय-अर्थम् सेवेत पार्वतीम् वा पुनः गुहाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
संनिकाशयेद् | संनिकाशय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
धर्मम् | धर्म | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विविक्ते | विविक्त | pos=n,g=n,c=7,n=s |
विरजस् | विरजस् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
चरेत् | चर् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
शून्य | शून्य | pos=a,comp=y |
आगारम् | आगार | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अरण्यम् | अरण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वा | वा | pos=i |
वृक्ष | वृक्ष | pos=n,comp=y |
मूलम् | मूल | pos=n,g=n,c=2,n=s |
नदीम् | नदी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तथा | तथा | pos=i |
प्रतिश्रय | प्रतिश्रय | pos=n,comp=y |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सेवेत | सेव् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
पार्वतीम् | पार्वत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
वा | वा | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
गुहाम् | गुहा | pos=n,g=f,c=2,n=s |