Original

युधिष्ठिर उवाच ।शुश्रूषे तस्य धर्मज्ञ राजर्षेः परिकीर्तनम् ।द्वैपायन मरुत्तस्य कथां प्रब्रूहि मेऽनघ ॥ १ ॥

Segmented

युधिष्ठिर उवाच शुश्रूषे तस्य धर्म-ज्ञ राजर्षेः परिकीर्तनम् द्वैपायन मरुत्तस्य कथाम् प्रब्रूहि मे ऽनघ

Analysis

Word Lemma Parse
युधिष्ठिर युधिष्ठिर pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शुश्रूषे शुश्रूष् pos=v,p=1,n=s,l=lat
तस्य तद् pos=n,g=m,c=6,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
ज्ञ ज्ञ pos=a,g=m,c=8,n=s
राजर्षेः राजर्षि pos=n,g=m,c=6,n=s
परिकीर्तनम् परिकीर्तन pos=n,g=n,c=2,n=s
द्वैपायन द्वैपायन pos=n,g=m,c=8,n=s
मरुत्तस्य मरुत्त pos=n,g=m,c=6,n=s
कथाम् कथा pos=n,g=f,c=2,n=s
प्रब्रूहि प्रब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽनघ अनघ pos=a,g=m,c=8,n=s