महाभारतम् — 14.35.31
Original
Segmented
ज्योतिः आकाशम् आदित्यो वायुः इन्द्रः प्रजापतिः न उपैति यावद् अध्यात्मम् तावद् एतान् न पश्यति तस्य उपायम् प्रवक्ष्यामि पुरस्तात् तम् निबोधत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ज्योतिः | ज्योतिस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आकाशम् | आकाश | pos=n,g=n,c=1,n=s |
आदित्यो | आदित्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वायुः | वायु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इन्द्रः | इन्द्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रजापतिः | प्रजापति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
उपैति | उपे | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यावद् | यावत् | pos=i |
अध्यात्मम् | अध्यात्म | pos=n,g=n,c=2,n=s |
तावद् | तावत् | pos=i |
एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
न | न | pos=i |
पश्यति | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्य | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=s |
उपायम् | उपाय | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रवक्ष्यामि | प्रवच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
पुरस्तात् | पुरस्तात् | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निबोधत | निबुध् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |