महाभारतम् — 14.35.10
Original
Segmented
वासुदेव उवाच तस्मै सम्प्रतिपन्नाय यथावत् परिपृच्छते शिष्याय गुण-युक्ताय शान्ताय गुरु-वर्तिने छाया-भूताय दान्ताय यतये ब्रह्मचारिणे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वासुदेव | वासुदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तस्मै | तद् | pos=n,g=m,c=4,n=s |
सम्प्रतिपन्नाय | सम्प्रतिपद् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
यथावत् | यथावत् | pos=i |
परिपृच्छते | परिप्रच्छ् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
शिष्याय | शिष्य | pos=n,g=m,c=4,n=s |
गुण | गुण | pos=n,comp=y |
युक्ताय | युज् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
शान्ताय | शम् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
वर्तिने | वर्तिन् | pos=a,g=m,c=4,n=s |
छाया | छाया | pos=n,comp=y |
भूताय | भू | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
दान्ताय | दम् | pos=va,g=m,c=4,n=s,f=part |
यतये | यति | pos=n,g=m,c=4,n=s |
ब्रह्मचारिणे | ब्रह्मचारिन् | pos=n,g=m,c=4,n=s |