Original

अर्जुन उवाच ।ब्रह्म यत्परमं वेद्यं तन्मे व्याख्यातुमर्हसि ।भवतो हि प्रसादेन सूक्ष्मे मे रमते मतिः ॥ १ ॥

Segmented

अर्जुन उवाच ब्रह्म यत् परमम् वेद्यम् तत् मे व्याख्यातुम् अर्हसि भवतो हि प्रसादेन सूक्ष्मे मे रमते मतिः

Analysis

Word Lemma Parse
अर्जुन अर्जुन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
ब्रह्म ब्रह्मन् pos=n,g=n,c=1,n=s
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
परमम् परम pos=a,g=n,c=1,n=s
वेद्यम् विद् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya
तत् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s
व्याख्यातुम् व्याख्या pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
भवतो भवत् pos=a,g=m,c=6,n=s
हि हि pos=i
प्रसादेन प्रसाद pos=n,g=m,c=3,n=s
सूक्ष्मे सूक्ष्म pos=a,g=n,c=7,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
रमते रम् pos=v,p=3,n=s,l=lat
मतिः मति pos=n,g=f,c=1,n=s