Original

वासुदेव उवाच ।मनो मे ब्राह्मणं विद्धि बुद्धिं मे विद्धि ब्राह्मणीम् ।क्षेत्रज्ञ इति यश्चोक्तः सोऽहमेव धनंजय ॥ १२ ॥

Segmented

वासुदेव उवाच मनो मे ब्राह्मणम् विद्धि बुद्धिम् मे विद्धि ब्राह्मणीम् क्षेत्रज्ञ इति यः च उक्तवान् सो ऽहम् एव धनंजय

Analysis

Word Lemma Parse
वासुदेव वासुदेव pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
मनो मनस् pos=n,g=n,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
ब्राह्मणम् ब्राह्मण pos=n,g=m,c=2,n=s
विद्धि विद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
बुद्धिम् बुद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
विद्धि विद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
ब्राह्मणीम् ब्राह्मणी pos=n,g=f,c=2,n=s
क्षेत्रज्ञ क्षेत्रज्ञ pos=n,g=m,c=1,n=s
इति इति pos=i
यः यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
उक्तवान् वच् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
सो तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
एव एव pos=i
धनंजय धनंजय pos=n,g=m,c=8,n=s