महाभारतम् — 14.34.12
Original
Segmented
वासुदेव उवाच मनो मे ब्राह्मणम् विद्धि बुद्धिम् मे विद्धि ब्राह्मणीम् क्षेत्रज्ञ इति यः च उक्तवान् सो ऽहम् एव धनंजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वासुदेव | वासुदेव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मनो | मनस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ब्राह्मणम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विद्धि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
बुद्धिम् | बुद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
विद्धि | विद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
ब्राह्मणीम् | ब्राह्मणी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
क्षेत्रज्ञ | क्षेत्रज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
उक्तवान् | वच् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
धनंजय | धनंजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |