Original

इति त्वमपि जानीहि राम मा क्षत्रियाञ्जहि ।तपो घोरमुपातिष्ठ ततः श्रेयोऽभिपत्स्यसे ॥ ३० ॥

Segmented

इति त्वम् अपि जानीहि राम मा क्षत्रियाञ् जहि तपो घोरम् उपातिष्ठ ततः श्रेयो ऽभिपत्स्यसे

Analysis

Word Lemma Parse
इति इति pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
अपि अपि pos=i
जानीहि ज्ञा pos=v,p=2,n=s,l=lot
राम राम pos=n,g=m,c=8,n=s
मा मा pos=i
क्षत्रियाञ् क्षत्रिय pos=n,g=m,c=2,n=p
जहि हा pos=v,p=2,n=s,l=lot
तपो तपस् pos=n,g=n,c=2,n=s
घोरम् घोर pos=a,g=n,c=2,n=s
उपातिष्ठ उपास्था pos=v,p=2,n=s,l=lot
ततः ततस् pos=i
श्रेयो श्रेयस् pos=n,g=n,c=2,n=s
ऽभिपत्स्यसे अभिपद् pos=v,p=2,n=s,l=lrt