महाभारतम् — 14.30.21
Original
Segmented
अलर्क उवाच दृष्ट्वा वै विविधान् भावान् तान् एव प्रतिगृध्यति तस्मात् चक्षुः प्रति शरान् प्रतिमोक्ष्यामि अहम् शितान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अलर्क | अलर्क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
वै | वै | pos=i |
विविधान् | विविध | pos=a,g=m,c=2,n=p |
भावान् | भाव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
एव | एव | pos=i |
प्रतिगृध्यति | प्रतिगृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
चक्षुः | चक्षुस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रति | प्रति | pos=i |
शरान् | शर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
प्रतिमोक्ष्यामि | प्रतिमुच् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
शितान् | शा | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |