महाभारतम् — 14.3.21
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच कथम् यज्ञे मरुत्तस्य द्रविणम् तत् समाचितम् कस्मिन् च काले स नृपो बभूव वदताम् वर
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कथम् | कथम् | pos=i |
यज्ञे | यज्ञ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मरुत्तस्य | मरुत्त | pos=n,g=m,c=6,n=s |
द्रविणम् | द्रविण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
समाचितम् | समाचि | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
कस्मिन् | क | pos=n,g=m,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नृपो | नृप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
वदताम् | वद् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
वर | वर | pos=a,g=m,c=8,n=s |