महाभारतम् — 14.27.4
Original
Segmented
ब्राह्मण उवाच न तद् अस्ति पृथग्भावे किंचिद् अन्यत् ततः समम् न तद् अस्ति अपृथग्भावे किंचिद् दूरतरम् ततः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ब्राह्मण | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
न | न | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पृथग्भावे | पृथग्भाव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |
समम् | सम | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
अपृथग्भावे | अपृथग्भाव | pos=n,g=m,c=7,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दूरतरम् | दूरतर | pos=a,g=n,c=1,n=s |
ततः | ततस् | pos=i |