महाभारतम् — 14.24.3
Original
Segmented
नारद उवाच येन अयम् सृज्यते जन्तुः ततस् ऽन्यः पूर्वम् एति तम् प्राण-द्वन्द्वम् च विज्ञेयम् तिर्यगम् च ऊर्ध्व-गम् च यत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
नारद | नारद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सृज्यते | सृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
जन्तुः | जन्तु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ततस् | ततस् | pos=i |
ऽन्यः | अन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पूर्वम् | पूर्वम् | pos=i |
एति | इ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्राण | प्राण | pos=n,comp=y |
द्वन्द्वम् | द्वंद्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
विज्ञेयम् | विज्ञा | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
तिर्यगम् | तिर्यग | pos=a,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
ऊर्ध्व | ऊर्ध्व | pos=a,comp=y |
गम् | ग | pos=a,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |