महाभारतम् — 14.18.7
Original
Segmented
स जीवः सर्व-गात्राणि गर्भस्य आविश्य भागशः दधाति चेतसा सद्यः प्राण-स्थानेषु अवस्थितः ततः स्पन्दयते ऽङ्गानि स गर्भः चेतना-अन्वितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जीवः | जीव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
गात्राणि | गात्र | pos=n,g=n,c=2,n=p |
गर्भस्य | गर्भ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
आविश्य | आविश् | pos=vi |
भागशः | भागशस् | pos=i |
दधाति | धा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
चेतसा | चेतस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
सद्यः | सद्यस् | pos=i |
प्राण | प्राण | pos=n,comp=y |
स्थानेषु | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अवस्थितः | अवस्था | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ततः | ततस् | pos=i |
स्पन्दयते | स्पन्दय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ऽङ्गानि | अङ्ग | pos=n,g=n,c=2,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
गर्भः | गर्भ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
चेतना | चेतना | pos=n,comp=y |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |