महाभारतम् — 14.17.35
Original
Segmented
ऊर्ध्वम् तु जन्तवो गत्वा येषु स्थानेषु अवस्थिताः कीर्त्यमानानि तानि इह तत्त्वतः संनिबोध मे तत् श्रुत्वा नैष्ठिकीम् बुद्धिम् बुध्येथाः कर्म-निश्चयात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऊर्ध्वम् | ऊर्ध्वम् | pos=i |
तु | तु | pos=i |
जन्तवो | जन्तु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
गत्वा | गम् | pos=vi |
येषु | यद् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
स्थानेषु | स्थान | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अवस्थिताः | अवस्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
कीर्त्यमानानि | कीर्तय् | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |
तानि | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
इह | इह | pos=i |
तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
संनिबोध | संनिबुध् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
नैष्ठिकीम् | नैष्ठिक | pos=a,g=f,c=2,n=s |
बुद्धिम् | बुद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
बुध्येथाः | बुध् | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
कर्म | कर्मन् | pos=n,comp=y |
निश्चयात् | निश्चय | pos=n,g=m,c=5,n=s |