महाभारतम् — 14.17.20
Original
Segmented
भिन्न-संधिः अथ क्लेदम् अद्भिः स लभते नरः यथा पञ्चसु भूतेषु संश्रि-त्वम् निगच्छति शैत्यात् प्रकुपितः काये तीव्र-वायु-समीरितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भिन्न | भिद् | pos=va,comp=y,f=part |
संधिः | संधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अथ | अथ | pos=i |
क्लेदम् | क्लेद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अद्भिः | अप् | pos=n,g=n,c=3,n=p |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
नरः | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यथा | यथा | pos=i |
पञ्चसु | पञ्चन् | pos=n,g=n,c=7,n=p |
भूतेषु | भूत | pos=n,g=n,c=7,n=p |
संश्रि | संश्रि | pos=va,comp=y,f=part |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
निगच्छति | निगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
शैत्यात् | शैत्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
प्रकुपितः | प्रकुप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
काये | काय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तीव्र | तीव्र | pos=a,comp=y |
वायु | वायु | pos=n,comp=y |
समीरितः | समीरय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |