महाभारतम् — 14.16.7
Original
Segmented
मम कौतूहलम् तु अस्ति तेषु अर्थेषु पुनः प्रभो भवान् च द्वारकाम् गन्ता नचिराद् इव माधव
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
कौतूहलम् | कौतूहल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
अस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तेषु | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अर्थेषु | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
पुनः | पुनर् | pos=i |
प्रभो | प्रभु | pos=a,g=m,c=8,n=s |
भवान् | भवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
द्वारकाम् | द्वारका | pos=n,g=f,c=2,n=s |
गन्ता | गम् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
नचिराद् | नचिरात् | pos=i |
इव | इव | pos=i |
माधव | माधव | pos=n,g=m,c=8,n=s |