महाभारतम् — 14.16.40
Original
Segmented
न अहम् पुनः इह आगन्ता मर्त्य-लोकम् परंतप प्रीतो ऽस्मि ते महा-प्राज्ञैः ब्रूहि किम् करवाणि ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
पुनः | पुनर् | pos=i |
इह | इह | pos=i |
आगन्ता | आगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
मर्त्य | मर्त्य | pos=n,comp=y |
लोकम् | लोक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
परंतप | परंतप | pos=a,g=m,c=8,n=s |
प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
प्राज्ञैः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
ब्रूहि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करवाणि | कृ | pos=v,p=1,n=s,l=lot |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=4,n=s |