Original

नाहं पुनरिहागन्ता लोकानालोकयाम्यहम् ।आ सिद्धेरा प्रजासर्गादात्मनो मे गतिः शुभा ॥ ३८ ॥

Segmented

न अहम् पुनः इह आगन्ता लोकान् आलोकयामि अहम् आ सिद्धेः आ प्रजा-सर्गात् आत्मनो मे गतिः शुभा

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
पुनः पुनर् pos=i
इह इह pos=i
आगन्ता आगम् pos=v,p=3,n=s,l=lrt
लोकान् लोक pos=n,g=m,c=2,n=p
आलोकयामि आलोकय् pos=v,p=1,n=s,l=lat
अहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
pos=i
सिद्धेः सिद्धि pos=n,g=f,c=5,n=s
pos=i
प्रजा प्रजा pos=n,comp=y
सर्गात् सर्ग pos=n,g=m,c=5,n=s
आत्मनो आत्मन् pos=n,g=m,c=6,n=s
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
गतिः गति pos=n,g=f,c=1,n=s
शुभा शुभ pos=a,g=f,c=1,n=s