Original

विजितेयं धरा कृत्स्ना सव्यसाचिन्परंतप ।त्वद्बाहुबलमाश्रित्य राज्ञा धर्मसुतेन ह ॥ १२ ॥

Segmented

विजिता इयम् धरा कृत्स्ना सव्यसाचिन् परंतप त्वद्-बाहु-बलम् आश्रित्य राज्ञा धर्मसुतेन ह

Analysis

Word Lemma Parse
विजिता विजि pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
इयम् इदम् pos=n,g=f,c=1,n=s
धरा धरा pos=n,g=f,c=1,n=s
कृत्स्ना कृत्स्न pos=a,g=f,c=1,n=s
सव्यसाचिन् सव्यसाचिन् pos=n,g=m,c=8,n=s
परंतप परंतप pos=a,g=m,c=8,n=s
त्वद् त्वद् pos=n,comp=y
बाहु बाहु pos=n,comp=y
बलम् बल pos=n,g=n,c=2,n=s
आश्रित्य आश्रि pos=vi
राज्ञा राजन् pos=n,g=m,c=3,n=s
धर्मसुतेन धर्मसुत pos=n,g=m,c=3,n=s
pos=i