महाभारतम् — 14.10.4
Original
Segmented
ऐन्द्रम् वाक्यम् शृणु मे राज-सिंह यत् प्राह लोक-अधिपतिः महात्मा बृहस्पतिम् याजकम् त्वम् वृणीष्व वज्रम् वा ते प्रहरिष्यामि घोरम् वचः चेद् एतत् न करिष्यसे मे प्राह एतत् एतावद् अचिन्त्य-कर्मा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ऐन्द्रम् | ऐन्द्र | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
सिंह | सिंह | pos=n,g=m,c=8,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्राह | प्राह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
अधिपतिः | अधिपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
महात्मा | महात्मन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
बृहस्पतिम् | बृहस्पति | pos=n,g=m,c=2,n=s |
याजकम् | याजक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
वृणीष्व | वृ | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
वज्रम् | वज्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
वा | वा | pos=i |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रहरिष्यामि | प्रहृ | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
घोरम् | घोर | pos=a,g=n,c=2,n=s |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
चेद् | चेद् | pos=i |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
करिष्यसे | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्राह | प्राह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
एतावद् | एतावत् | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अचिन्त्य | अचिन्त्य | pos=a,comp=y |
कर्मा | कर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |