महाभारतम् — 13.96.37
Original
Segmented
गालव उवाच पापिष्ठेभ्यः तु अनर्घ-अर्हः स नरो ऽस्तु स्व-पाप-कृत् दत्त्वा दानम् कीर्तयतु यः ते हरति पुष्करम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
गालव | गालव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पापिष्ठेभ्यः | पापिष्ठ | pos=a,g=m,c=5,n=p |
तु | तु | pos=i |
अनर्घ | अनर्घ | pos=a,comp=y |
अर्हः | अर्ह | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
नरो | नर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
पाप | पाप | pos=n,comp=y |
कृत् | कृत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
दत्त्वा | दा | pos=vi |
दानम् | दान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कीर्तयतु | कीर्तय् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
हरति | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुष्करम् | पुष्कर | pos=n,g=n,c=2,n=s |