महाभारतम् — 13.96.27
Original
Segmented
ययातिः उवाच अनृतौ जटी व्रतिन्याम् वै भार्यायाम् सम्प्रजायतु निराकरोतु वेदान् च यः ते हरति पुष्करम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ययातिः | ययाति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अनृतौ | अनृतु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
जटी | जटिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्रतिन्याम् | व्रतिन् | pos=a,g=f,c=7,n=s |
वै | वै | pos=i |
भार्यायाम् | भार्या | pos=n,g=f,c=7,n=s |
सम्प्रजायतु | सम्प्रजन् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
निराकरोतु | निराकृ | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
वेदान् | वेद | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
हरति | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुष्करम् | पुष्कर | pos=n,g=n,c=2,n=s |