महाभारतम् — 13.96.18
Original
Segmented
कश्यप उवाच सर्वत्र सर्वम् पणतु न्यासे लोभम् करोतु च कूट-साक्षि-त्वम् अभ्येतु यः ते हरति पुष्करम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कश्यप | कश्यप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सर्वत्र | सर्वत्र | pos=i |
सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पणतु | पण् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
न्यासे | न्यास | pos=n,g=m,c=7,n=s |
लोभम् | लोभ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
करोतु | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
च | च | pos=i |
कूट | कूट | pos=n,comp=y |
साक्षि | साक्षिन् | pos=n,comp=y |
त्वम् | त्व | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अभ्येतु | अभी | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
हरति | हृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
पुष्करम् | पुष्कर | pos=n,g=n,c=2,n=s |