महाभारतम् — 13.95.61
Original
Segmented
भरद्वाज उवाच नृशंसः त्यक्त-धर्मा अस्तु स्त्रीषु ज्ञातिषु गोषु च ब्राह्मणम् च अपि जयताम् बिस-स्तैन्यम् करोति यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
भरद्वाज | भरद्वाज | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
नृशंसः | नृशंस | pos=a,g=m,c=1,n=s |
त्यक्त | त्यज् | pos=va,comp=y,f=part |
धर्मा | धर्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
अस्तु | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
स्त्रीषु | स्त्री | pos=n,g=f,c=7,n=p |
ज्ञातिषु | ज्ञाति | pos=n,g=m,c=7,n=p |
गोषु | गो | pos=n,g=,c=7,n=p |
च | च | pos=i |
ब्राह्मणम् | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
जयताम् | जि | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
बिस | बिस | pos=n,comp=y |
स्तैन्यम् | स्तैन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |