महाभारतम् — 13.95.58
Original
Segmented
शरण-आगतम् हन्तु मित्रम् स्व-सुताम् च उपजीवतु अर्थान् काङ्क्षतु कीनाशाद् बिस-स्तैन्यम् करोति यः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शरण | शरण | pos=n,comp=y |
आगतम् | आगम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
हन्तु | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
मित्रम् | मित्र | pos=n,g=m,c=2,n=s |
स्व | स्व | pos=a,comp=y |
सुताम् | सुता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
उपजीवतु | उपजीव् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
अर्थान् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
काङ्क्षतु | काङ्क्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
कीनाशाद् | कीनाश | pos=n,g=m,c=5,n=s |
बिस | बिस | pos=n,comp=y |
स्तैन्यम् | स्तैन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
करोति | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |