महाभारतम् — 13.95.47
Original
Segmented
शुनःसख उवाच सकृद् उक्तम् मया नाम न गृहीतम् यदा त्वया तस्मात् त्रिदण्ड-अभिहता गच्छ भस्म इति माचिरम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शुनःसख | शुनःसख | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सकृद् | सकृत् | pos=i |
उक्तम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
नाम | नामन् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
गृहीतम् | ग्रह् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
यदा | यदा | pos=i |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
तस्मात् | तस्मात् | pos=i |
त्रिदण्ड | त्रिदण्ड | pos=n,comp=y |
अभिहता | अभिहन् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
भस्म | भस्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
इति | इति | pos=i |
माचिरम् | माचिरम् | pos=i |