महाभारतम् — 13.94.11
Original
Segmented
निराद्ये मर्त्य-लोके ऽस्मिन्न् आत्मानम् ते परीप्सवः कृच्छ्राम् आपेदिरे वृत्तिम् अन्न-हेतोः तपस्विनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
निराद्ये | निराद्य | pos=a,g=m,c=7,n=s |
मर्त्य | मर्त्य | pos=n,comp=y |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ऽस्मिन्न् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
परीप्सवः | परीप्सु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
कृच्छ्राम् | कृच्छ्र | pos=a,g=f,c=2,n=s |
आपेदिरे | आपद् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
वृत्तिम् | वृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अन्न | अन्न | pos=n,comp=y |
हेतोः | हेतु | pos=n,g=m,c=5,n=s |
तपस्विनः | तपस्विन् | pos=n,g=m,c=1,n=p |