महाभारतम् — 13.93.9
Original
Segmented
युधिष्ठिर उवाच कथम् सदा उपवासी स्याद् ब्रह्मचारी च पार्थिव विघस-आशी कथम् च स्यात् कथम् च एव अतिथि-प्रियः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
युधिष्ठिर | युधिष्ठिर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कथम् | कथम् | pos=i |
सदा | सदा | pos=i |
उपवासी | उपवासिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
ब्रह्मचारी | ब्रह्मचारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
पार्थिव | पार्थिव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
विघस | विघस | pos=n,comp=y |
आशी | आशिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कथम् | कथम् | pos=i |
च | च | pos=i |
स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कथम् | कथम् | pos=i |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
अतिथि | अतिथि | pos=n,comp=y |
प्रियः | प्रिय | pos=a,g=m,c=1,n=s |