महाभारतम् — 13.85.64
Original
Segmented
ततः संपद्यते ऽन्येषु लोकेषु अप्रतिमः सदा अनावृत-गतिः च एव काम-चारी भवति उत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
संपद्यते | सम्पद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ऽन्येषु | अन्य | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अप्रतिमः | अप्रतिम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
सदा | सदा | pos=i |
अनावृत | अनावृत | pos=a,comp=y |
गतिः | गति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
काम | काम | pos=n,comp=y |
चारी | चारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
उत | उत | pos=i |